Anupama Written Update 22 December 2023
अनुपमा अमेरिका में उतरने के बाद एयरपोर्ट पर टहल रही हैं। वह नमस्ते इंडिया कहती है और मुस्कुराती है। वह लोगों को आते हुए देखती है और अपने रिश्तेदारों को गले लगाती है, जो आए हैं। श्री गोयनका अनुपमा से पूछते हैं कि वह क्या सोच रही है? वह कहती है कि मेरा दिल कोरे कागज की तरह है जहां मैं खुश उदास नई कहानी लिखूंगा। वह कहता है कि मुझे उम्मीद है कि इसमें कोई उदासी नहीं है और कहता है कि मैं चला जाऊंगा, और पूछता है कि क्या मैं आपको कहीं छोड़ दूंगा। अनुपमा का कहना है कि मैं खुद से जाऊंगा। वह कहते हैं कि यदि आप कोशिश करते हैं तो आप अपना भाग्य बदल सकते हैं, आपको यहां अपने भाग्य को पूरा करने का मौका मिलेगा। वह कहते हैं कि आप अपने सपनों को निश्चित रूप से पूरा करेंगे जोशी बेन। अनुपमा हैरान है। वह कहते हैं कि अगर कोई और आपकी जगह पर होता, तो दुनिया को बताता कि आप जोशी बेन हैं और आपके इतने सारे अनुयायी हैं। वह चला जाता है। सांता वहां आता है और अनुपमा का हाथ पकड़कर उसे क्रिसमस की शुभकामनाएं देता है। बच्चे सांता के साथ नृत्य करते हैं। अनुपमा वहां छोटी की कल्पना करती है और भावुक हो जाती है।
संता अनुपमा को क्रॉस देता है। अनुपमा उसे एक नई शुरुआत करने के लिए कहती है। वह टैक्सी में बैठ ता है। टैक्सी चालक उससे गंतव्य के बारे में पूछता है। अनुपमा पता बताती है, लेकिन उसे समझ नहीं आता। वह डायरी निकालता है और उसे पढ़ता है। वह समझता है और उसे जीपीआरएस का उपयोग करने के लिए कहता है। अनुपमा नई दुनिया में पुरानी स्कूल की लड़की है। वह देविका को फोन करती है और उसे बताती है कि यह उसका नया नंबर है। देविका उसे खिड़की से बाहर देखने और साइट का आनंद लेने के लिए कहती है। अनुपमा यात्रा का आनंद लेती है। टैक्सी मिलने के बाद टैक्सी ड्राइवर 35 डॉलर मांगता है। अनुपमा का कहना है कि यह लूट, चोरी है। वह उसे 35 डॉलर देने के लिए कहता है अन्यथा वह पुलिस को बुलाएगा। अनुपमा उसे पैसे देती है और सोचती है कि वह फिर से टैक्सी में नहीं बैठेगी। वह प्लेट पर रेस्तरां द गुजरात पहुंचती है। क्लीनर महिला बताती है कि रेस्तरां बंद है। अनुपमा पूछती है कि इसे कैसे बंद किया जा सकता है? महिला का कहना है कि यह कानून द्वारा बंद है, वहां कुछ कियोस्क था और वहां नाटक हुआ। अनुपमा चौंक जाती है और देविका को फोन करती है, लेकिन उसका नंबर अनरीचेबल है। वह सोचती है कि अब मैं कहां जाऊंगी और रहूंगी।
वह यात्रियों से इस दुकान के मालिक के बारे में पूछती है, लेकिन कोई भी फिर से नहीं जानता। वह देविका को फिर से बुलाती है। एक डाकू उसे देखता है। अनुपमा सोचती है कि मेरी मदद कौन करेगा, कोई नहीं, अब मैं कहां जाऊंगी। वह एक अंधे आदमी को गाते हुए देखती है और उसे पैसे और भोजन देती है। वह बताती हैं कि भारत और भारतीय जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। डाकू उसका पीछा करता है। अनुपमा बेंच पर बैठती है। जल्द ही शाम हो जाती है, डाकू उसके पास चलता है।
Precap: लुटेरे रात में उस पर हमला करते हैं और उसका पर्स और हैंड बैग लेकर भाग जाते हैं। अनुपमा मदद के लिए चिल्लाती है।